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Hanuman Dwadash Naam Stotram

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|| श्री हनुमान द्वादशनाम स्तोत्रम् || || Hanuman Dwadash Naam Stotram ||  हनुमानञ्जनासूनुर्वायुपुत्रो महाबल: । रामेष्ट: फलगुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम: ॥ उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:। लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा ॥ एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन: । स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत् ॥ तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भेवत् । राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन ॥ हनुमानजी के 12 नाम: 1- हनुमान 2 - अंजनिपुत्र 3 - वायुपुत्र 4 - महाबल 5 - रामेष्ट 6 - फाल्गुनसखा 7 - पिंगाक्ष 8 - अमितविक्रम 9 - उदधिक्रमण 10 - सीताशोकविनाशन 11 - लक्ष्मणप्राणदाता 12 - दशग्रीवस्य दर्पहा कुण्डली अध्ययन के लिए संपर्क करे श्री संत ज्योतिष ज्ञान पीठ पंडित प्रियेश मौद्गिल Mobile No. +91 9996391452

Nakshtra सत्ताईस नक्षत्रों के वृक्ष

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सत्ताईस नक्षत्रों के वृक्ष ज्योतिष के अनुसार 9 ग्रहों का प्रभाव मानव ,जीवो, पेड़ पोधो, सब पर पड़ता है। हर ग्रह का एक नक्षत्र होता है। परन्तु हर नक्षत्र का एक वृक्ष होता है । नक्षत्रो के माध्यम से भी ग्रहों के कुप्रभाव को सही किया जासकता है। कोई भी व्यक्ति अपने नक्षत्र के अनुसार वृक्ष की पूजा करके अपनें नक्षत्र को ठीक कर सकता है। यदि जन्म नक्षत्र अथवा गोचर के समय कोई नक्षत्र पीड़ित चल रहा हो तब उस नक्षत्र से संबंधित वृक्ष की पूजा करने से पीड़ा से राहत मिलती है। नक्षत्रों से संबंधित वृक्ष 1 अश्विनी नक्षत्र का वृक्ष :– केला, आक, धतूरा । 2 भरणी नक्षत्र का वृक्ष :–केला, आंवला। 3 कृत्तिका नक्षत्र का वृक्ष :– गूलर । 4 रोहिणी नक्षत्र का वृक्ष :– जामुन । 5 मृगशिरा नक्षत्र का वृक्ष :– खैर। 6 आर्द्रा नक्षत्र का वृक्ष :– आम, बेल । 7 पुनर्वसु नक्षत्र का वृक्ष:– बांस । 8 पुष्य नक्षत्र का वृक्ष :– पीपल । 9 आश्लेषा नक्षत्र का वृक्ष :– नाग केसर और चंदन। 10 मघा नक्षत्र का वृक्ष :– बड़। 11 पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष :- ढाक। 12 उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष :- बड़ और पाकड़। 13 हस्त नक्षत्र का वृक्ष :...

शनि अष्टोत्तरशतनामावली

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शनि अष्टोत्तरशतनामावली  शनि बीज मन्त्र - ॐ प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः । ॐ शनैश्चराय नमः । ॐ शान्ताय नमः । ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः । ॐ शरण्याय नमः । ॐ वरेण्याय नमः । ॐ सर्वेशाय नमः । ॐ सौम्याय नमः । ॐ सुरवन्द्याय नमः । ॐ सुरलोकविहारिणे नमः । ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः । १० ॐ सुन्दराय नमः । ॐ घनाय नमः । ॐ घनरूपाय नमः । ॐ घनाभरणधारिणे नमः । ॐ घनसारविलेपाय नमः । ॐ खद्योताय नमः । ॐ मन्दाय नमः । ॐ मन्दचेष्टाय नमः । ॐ महनीयगुणात्मने नमः । ॐ मर्त्यपावनपदाय नमः । २० ॐ महेशाय नमः । ॐ छायापुत्राय नमः । ॐ शर्वाय नमः । ॐ शततूणीरधारिणे नमः । ॐ चरस्थिरस्वभावाय नमः । ॐ अचञ्चलाय नमः । ॐ नीलवर्णाय नमः । ॐ नित्याय नमः । ॐ नीलाञ्जननिभाय नमः । ॐ नीलाम्बरविभूशणाय नमः । ३० ॐ निश्चलाय नमः । ॐ वेद्याय नमः । ॐ विधिरूपाय नमः । ॐ विरोधाधारभूमये नमः । ॐ भेदास्पदस्वभावाय नमः । ॐ वज्रदेहाय नमः । ॐ वैराग्यदाय नमः । ॐ वीराय नमः । ॐ वीतरोगभयाय नमः । ॐ विपत्परम्परेशाय नमः । ४० ॐ विश्ववन्द्याय नमः । ॐ गृध्नवाहाय नमः । ॐ गूढाय नमः । ॐ कूर्माङ्गाय नमः । ॐ कुरूपिणे नमः । ॐ कुत्सिताय नमः । ॐ गुणाढ्याय नमः । ॐ गोचराय...