गुरु महिमा
गुरु ग्रह अति शुभ ग्रह है ! इन्हे शुभ कार्यो , धन , संतान , धर्म का कारक माना जाता है !
गुरु की कृपा के बिना जीवन में सुखों की प्राप्ति नहीं हो सकती ! इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए श्री सत्यनारायण भगवान जी की पूजा अर्चना करना अति उत्तम माना जाता है !
क्योंकि श्री विष्णु जी गुरु ग्रह के आराध्य देव है ! अर्थात ईश्वर की कृपा हो जाने पर
गुरु ग्रह की कृपा अपनेआप हो जाती है ! ( जय गुरु देव )
गुरु सूत्र
गुरु मंत्र का कम से कम 1,25,000 जाप करने के बाद ही अन्य साधनाओं में प्रवृत्त हों-
गुरु, इष्ट और मंत्र को एक ही मानें.
गुरु कृपा से ही साधनाओं में सफ़लता मिलती है.
गुरु एक अद्भुत सत्ता है,
गुरु शिव का स्वरूप है.
गुरु सिद्धियों का इकलौता मार्ग है.
गुरु के साथ छ्ल ना करें.
गुरु आपकी हर बात जानने में समर्थ होता है , उसके साथ झूठ बोलने से, छ्ल करने से फ़िर भयानक अधोगति भोगनी पडती है।
गुरु कृपा से ही साधनाओं में सफ़लता मिलती है.
गुरु एक अद्भुत सत्ता है,
गुरु शिव का स्वरूप है.
गुरु सिद्धियों का इकलौता मार्ग है.
गुरु के साथ छ्ल ना करें.
गुरु आपकी हर बात जानने में समर्थ होता है , उसके साथ झूठ बोलने से, छ्ल करने से फ़िर भयानक अधोगति भोगनी पडती है।
श्रेष्ठ गुरु के लक्षण :-
श्रेष्ठ गुरु को अपने गुरु का एक अच्छा शिष्य होना चाहिये. अपने गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण होना चाहिये।
श्रेष्ठ गुरु को साधक होना चाहिये,उसे निरंतर साधना करते रहना चाहिये।
श्रेष्ठ गुरु को साधक होना चाहिये,उसे निरंतर साधना करते रहना चाहिये।
श्रेष्ठ गुरु को सभी महाविद्या सिद्ध होनी चाहिये।
श्रेष्ठ गुरु को वाक सिद्धि होनी चाहिये अर्थात उसे आशिर्वाद और श्राप दोनों देने में सक्षम होना चाहिये।
श्रेष्ठ गुरु को पूजन करना और कराना आना चाहिये।
श्रेष्ठ गुरु को योग और मुद्राओं का ज्ञान होना चाहिये।
श्रेष्ठ गुरु को रस सिद्धि होनी चाहिये, अर्थात पारद के संस्कारों का ज्ञान होना चाहिये।
श्रेष्ठ गुरु को मन्त्र निर्माण की कला आती है।वह आवश्यकतानुसार मंत्रों का निर्माण कर सकता है और पुराने मंत्रों मे आवश्यकतानुसार संशोधन करने में समर्थ होता है।
।। जय गुरूदेव ।।
( पं. प्रियेश मौद्गिल ) कुण्डली अध्ययन के लिए संपर्क करे : - 9996391452
( पं. प्रियेश मौद्गिल ) कुण्डली अध्ययन के लिए संपर्क करे : - 9996391452

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें