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कुंडलिनी शक्ति का पूर्ण रहस्य ।

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कुंडलिनी शक्ति का पूर्ण रहस्य । कुण्डलिनी की सर्वत्र व्याख्या एक ऐसी शक्ति की रूप में की गयी है जिसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती | यह सर्वशक्तिमान की अधिष्ठात्री शक्ति है | मानव जीवन का दुर्लभतम वरदान है यह जिसको साध लेने से जन्म - जन्मान्तर के भाव - बंधन टूट जाते हैं | समस्त विश्वव्यापी संसार में जो अनंत - कोटि ब्रह्माण्ड हैं , उनकी यात्रा , इसी मानव शरीर में कराती हुई , अंत में जब यह परात्पर पुरुष के वाम भाग में विराजती है तो मनुष्य की चेतना अपने पूर्णतम विकास को प्राप्त करती है अर्थात अपने आत्म स्वरुप में ही अवस्थित हो जाती हैं | नाड़ी चक्र : लेकिन कुण्डलिनी तंत्र को समझने से पहले नाड़ी चक्र के विज्ञान को समझना अनिवार्य है | मानव - शरीर में नाड़ियों की संख्या बहत्तर हज़ार बतायी गयी है | ये नाड़ियाँ पेड़ के पत्तों की अतिसूक्ष्म शिराओं की भांति शरीर में रहती हैं | ये नाड़ियाँ , मनुष्य शरीर में , लिंग से ऊपर और नाभि के नीचे के स्...