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SHANI RAHU KETU से बचाव का तरीका

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शनि , राहु और केतु से बचाव का तरीका एवं प्रसन्न करने के खास उपाय ... शनि के अनुचर हैं राहु और केतु। शरीर में इनके स्थान नियुक्त हैं। सिर राहु है तो केतु धड़। यदि आपके गले सहित ऊपर सिर तक किसी भी प्रकार की गंदगी या खार जमा है तो राहु का प्रकोप आपके ऊपर मँडरा रहा है और यदि फेफड़ें , पेट और पैर में किसी भी प्रकार का विकार है तो आप केतु के शिकार हैं। राहु और केतु की भूमिका एक पुलिस अधिकारी की तरह है जो न्यायाधीश शनि के आदेश पर कार्य करते हैं। ‍ शनि का रंग नीला , राहु का काला और केतु का सफेद माना जाता है। शनि के देवता भैरवजी हैं , राहु की सरस्वतीजी और केतु के देवता भगवान गणेशजी है। शनि का पशु भैंसा , राहु का हाथी और काँटेदार जंगली चूहा तथा केतु का कुत्ता , गधा , सुअर और छिपकली है। शनि का वृक्ष कीकर , आँक व खजूर का वृक्ष , राहु का नारियल का पेड़ व कुत्ता घास और केतु का इमली का दरख्त , तिल के पौधे व केला है। शनि शरीर ...