घर में सुख शांति और प्रेम सौहार्द के लिए उपाय




आज हम बात करेंगे घर में सुख शांति और प्रेम सौहार्द के लिए उपाय ---
शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को घर की स्त्री अपने हाथों में सोने की चूड़ियां पहने,फिर उतारे नही,लगातार हाथों में रखनी है।

शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार को भगवान गणेश की चाँदी की मूर्ति अपने घर के भगवान के मंदिर में स्थापित करें। रोज घी का दीपक करें। हर बुधवार को दुब, गुड़-घी और लड्डू का भोग लगावें!
अपने बेडरुम में पलँग इस तरह लगावें कि सोते समय सिराहना दक्षिण की तरफ हो और पांव उतर की तरफ़ हो। और कमरे की पश्चिमी दीवार पर राधेकृष्ण जी या सीताराम जी की तस्वीर लगावें।
रोज सुबह उठे,तो घर का हर सदस्य धरती पर पांव रखने से पहले अपने दोनों हाथों की हथेलियो के दर्शन करें।
हथेलियों के ऊपर भाग में लक्ष्मी माता, बीच मे सरस्वती माता और नीचे के भाग में बाल गोपाल का ध्यान करें। फिर राधे कृष्ण जी या सीताराम जी के दर्शन करें। फिर धरती माता को तीन बार प्रणाम कर पांव जमीन पर रखें।
किसी शुक्ल पक्ष की ग्यारस को चार गोल्डन कलर की बांसुरी की पूजा कर, दो बांसुरी राधे कृष्ण के मंदिर में चढावें और दो अपने बेडरूम में रखें।

शुक्ल पक्ष के गुरुवार से शुरु कर हमेशा पीपल में जल चढावें। गुरुवार को घी का दीपक पीपल के पास लगावे और शनिवार को सरसों के तेल का दीपक लगावे। रविवार के दिन पीपल में जल नही चढ़ाना है।

घर के आंगन में थोड़े ऊंचे स्थान पर तुलसी जी लगावें। रोज घी का दीपक लगावे और इस मंत्र को बोले-- सुभद्राये नमः -- विष्णवे नमः

सोमवार से नित्य मन्दिर में नमः शिवाय मन्त्र बोलते हुए शिवलिंग पर चाँदी या तांबे के कलश से जल चढ़ावे और सुख- शांति के लिए प्रार्थना करें।

घर की सुहागिन हमेशा नहाने के बाद लाल बिंदी लगावें और लाल सिंदूर से मांग भरे।

एक लकड़ी की डिब्बी में लाल रंग का सिंदूर भरकर 11 गौमती चक्र डिब्बी में डाल दे और अपने बेडरूम में रख दें।

रविवार से शुरू कर नित्य सूर्य भगवान को तांबे के कलश मे शुद्ध जल भरकर सूर्याय नमः मन्त्र बोलते हुए अर्ध्य देवे। नित्य ऐसा करें, पर हर रविवार को जल में थोड़ा गुड़ मिलाकर अर्ध्य देना है।

घर मे नित्य आखा(बिना पिसा हुआ) नमक मिलाकर पोछा लगावे,पर गुरुवार और रविवार को नमक का पोछा नही लगाना है। रविवार और गुरुवार को गौ मूत्र मिलाकर पोछा लगाना है।

कभी नए दिन यानी किसी त्यौहार के दिन को 16 श्रंगार की सामग्री मन्दिर में चढ़ाकर किसी सुहागिन गरीब औरत को देवें। साल भर में 2-3 बार ऐसा करना है।
कभी कभी शुक्रवार को रस वाले सफेद रसगुल्ले तुलसी जी के साथ ,राधेकृष्ण मंदिर में चढावें।*
हर शनिवार को चींटियों को कीड़ी नगरा डालें!
बेडरूम में किसी तरह का कांच नही रखे। कोई है और हटा नही सकते हैं, तो उसे ढक देवे।
रात को सोने से पहले किचन में छोटी बाल्टी में पानी भरकर रखें और बाथरूम में भी स्नान वाली बाल्टी भरकर रखें।
घर की मुख्य महिला रात को एक तांबे के कलश में पानी भरकर रखें और सुबह उठते ही बिना बोले, पानी घर के मेन गेट को खोलकर बाहर की तरफ छिड़क देवें।
ग्यारस,पूनम, अमावस और तेरस को कुछ दान अवश्य करे!
हंस का जोड़ा या मछली के जोड़े की तस्वीर या प्रतिमा अपने बेडरूम में रखें।

अपने घर के मंदिर में और अपने बेडरूम में मोरपंख लगावें।

कभी गुरुवार को किसी मंदिर में केसर और पीले चन्दन को बिना खोले भेंट करें।
घर पर हमेशा ये मन्त्र जप करें-
श्री राधेकृष्णाभ्यां नमः
श्री गौरीशंकराय नम
श्री सीतारामाभ्यां नमः

साथ ही अपने कुलदेवी और कुलदेवता की पूजा पाठ करें!रोज इस मंत्र का भी 5 या 11 जप करें--🔰-कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने!
प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः!

रोज इस मंत्र का भी 5 या 11 बार जप करें और शिव मंदिर में भी इस मंत्र का जप करें--
* नमः शंभवाय मयोभवाय नमः शंकराय नमः शिवाय शिवतराय नमः शिवाय !✈✈✈

घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखेर कर या उल्टे-सीधे करके नहीं रखने चाहिए। इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है।

पूजा प्रात: 6 से 8 बजे के बीच भूमि पर आसन बिछा कर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठकर करें। पूजा का आसन कुशा का हो तो उत्तम होता है, अन्यथा गर्म, पीले, लाल अथवा सफेद रंग भी प्रयोग में ला सकते हैं। इससे आध्यात्मिक वृद्धि एवं शांति प्राप्त होगी।

पहली रोटी गाय के लिए निकालें। इससे देवता भी खुश होते हैं और पितरों को भी शांति मिलती है।

पूजा घर में सदैव जल को तांबे के एक कलश में भरकर रखें, संभव हो तो ईशान कोण के हिस्से में रखें।

आरती, दीप, पूजा अग्रि जैसे पवित्रता के प्रतीक साधनों को मुंह से फूंक मारकर बुझाएं।

मंदिर में धूप, अगरबत्ती हवन कुंड की सामग्री दक्षिण-पूर्व अर्थात आग्नेय कोण में रखें।



घर के मुख्य द्वार पर दाईं तरफ स्वस्तिक बनाएं।

घर में कभी भी जाले लगने दें वरना भाग्य और कर्म पर जाले लगने लगते हैं और बाधा आती है।

सप्ताह में एक बार जरूर समुद्री नमक अथवा सेंधे नमक से घर में पोछा लगाएं। नमकयुक्त पानी से नित्य प्रात: घर की दहलीज धोएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।



हर अमावस की रात्रि में किसी भी चौराहे पर सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाएं। ऋण मुक्त होंगे।

नित्य सायंकाल घर में गाय के कच्चे दूध में 9 बूंदें शहद की मिलाकर छींटा दें। इसके बाद गुग्गल, हरमल, लोबान को मिलाकर इसकी घर में धूनी


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