Jyotish Ki Nazar Se

मेरा ध्यान मेरा मन कुंडली  विश्लेषण में ही लगता है और जब भी मैं किसी की कुंडली देखता हूं, तब सामने वाला व्यक्ति अपनी मन की बात कहने में भी असमर्थ है क्योंकि उसके मन में परेशानियां भेदभाव तनाव उन्माद।हीन भावना और असफलता।से पीड़ित व्यक्ति घबराए और भयभीत रहता है।और अपनी सफलता के लिए दूसरों की ओर देखता है।
फिर वह मेरे चेहरे की तरफ देखकर उम्मीद की एक किरण की आस  रखता है और लड़खड़ाते जुबान से अपना सवाल करने की कोशिश करता है।
उसका दुख उसके चेहरे पर छलक रहा होता है और वह बोलता है। पंडित जी देखिए क्या दिख रहा है?
मेरी जन्म पत्रिका में कौन सा दोष है? जिस कारण मुझे दुख ही दुख मिल रहे हैं।
अब बारी मेरी होती है कि इस व्यक्ति के ग्रह क्या बात कर रहे हैं, क्या कहना चाहते है?
दरिद्रता अपमान  यह सब आपस में दोस्त है और यह सारा संसार दुखों का सागर है। इस सारे संसार पर ग्रहों का ही प्रभाव है। और जन्म पत्रिका का चार्ट यह दर्शाता है कि हमारे मन में कैसे भाव उत्पन्न होंगे किस समय पर?
जो केवल हमारे कर्मों के द्वारा ही मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।
अर्थात ग्रहों का नियंत्रण हमारे मन और मस्तिष्क दोनों पर 
होता है जो हमें कर्म करने के लिए प्रेरित करते हैं।
जो हमारी सोच और समझ पर प्रभाव डालते हैं
अब यहां पर
ज्योतिषी का सिर्फ एक धर्म और एक ही कर्तव्य है। लोगों को आशा की किरण देना ताकि जीवन में आने वाले दुखों को कर्म फल के द्वारा सुख में परिवर्तित कर सके।
ज्योतिष का एक कटु सत्य है जो सभी को पता होना चाहिए
प्रकृति के नियमों के अनुसार  ज्योतिषी केवल आपके भाग्य 
मैं लिखा सुख ही दिला सकता है। 

उदाहरण के साथ समझते हैं। एक व्यक्ति की दशाएं बहुत ज्यादा बुरी हैं और ग्रहों का प्रभाव भी बहुत ज्यादा बुरा है।
इस समय केवल ग्रहों का शांति करण किया जाएगा।
और शांति करण के लिए पूजा दान, अनुष्ठान और जब अति उत्तम माने गए हैं साथ में व्रत भी
इन उपायों के प्रभाव से व्यक्ति अपनी बुरी दशाओं को भोग लेगा और यह दशाएं उसको इसीलिए प्राप्त हुई थी क्योंकि 
उसके पुराने कर्म पाप से भरे हुए थे।
एक अन्य उदाहरण लेते हैं। अब एक व्यक्ति की दशाएं भी शुभ हैं। गृह भी अति शुभ है परंतु जीवन में वह तरक्की नहीं प्राप्त कर पा रहा इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे ग्रहों 
का निर्बल होना तथा बुरे ग्रहों के साथ संबंध होना। मुख्य कारण है।
यहां पर ग्रहों को बल देने के लिए उपाय मैं यंत्र,मंत्र,रत्नों और उपरत्न द्वारा लाभ प्राप्त किया जा सकता है

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श्री संत ज्योतिष ज्ञान पीठ
पंडित प्रियेश मौद्गिल
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