नवग्रह गायत्री मंत्र और बीज मंत्र ( नव सिद्ध धुनी उपाय )
नवग्रह गायत्री मंत्र और बीज मंत्र
सूर्य गायत्री मंत्र
ॐ भास्कराय विदमहे महातेजाय धीमहि | तन्नो: सूर्य: प्रचोदयात ||
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ॥ जप संख्या- 7000
चंद्र गायत्री मंत्र
मंगल गायत्री मंत्र
ॐ अंगारकाय विदमहे शक्तिहस्ताय धीमहि | तन्नो: भौम प्रचोदयात ||
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः ॥ जप संख्या- 10000
बुध गायत्री मंत्र
ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः॥ जप संख्या- 17,000ॐ भास्कराय विदमहे महातेजाय धीमहि | तन्नो: सूर्य: प्रचोदयात ||
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ॥ जप संख्या- 7000
चंद्र गायत्री मंत्र
ॐ अमृताड्गाय विदमहे कलारुपाय धीमहि तन्नः सोमः प्रचोदयात् ॥
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः ॥ जप संख्या- 11,000मंगल गायत्री मंत्र
ॐ अंगारकाय विदमहे शक्तिहस्ताय धीमहि | तन्नो: भौम प्रचोदयात ||
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः ॥ जप संख्या- 10000
बुध गायत्री मंत्र
ॐ सौम्यरुपाय विदमहे वाणेशाय धीमहि | तन्नो: बुध: प्रचोदयात ||
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ॥ जप संख्या- 9,000
बृहस्पति गायत्री मंत्र
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ॥ जप संख्या- 9,000
बृहस्पति गायत्री मंत्र
ॐ गुरुदेवाय विदमहे वाणेशाय धीमहि | तन्नो: गुरु: प्रचोदयात ||
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः ॥ जप संख्या- 19,000
शुक्र गायत्री मंत्र
ॐ भृगुसुताय विदमहे दिव्यदेहाय धीमहि | तन्नो: शुक्र: प्रचोदयात ||
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ॥ जप संख्या- 16,000
शनि गायत्री मंत्र
ॐ सूर्यपुत्राय विदमहे मृत्युरुपाय धीमहि | तन्नो: सौरि: प्रचोदयात ||
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः॥ जप संख्या- 23000
राहु गायत्री मंत्र
ॐ शिरोरुपाय विदमहे अमृतेशाय धीमहि | तन्नो: राहु: प्रचोदयात ||
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः॥ जप संख्या- 18,000
केतु गायत्री मंत्र
ॐ पदमपुत्राय विदमहे अमृतेशाय धीमहि | तन्नो: केतु: प्रचोदयात ||
शुक्र गायत्री मंत्र
ॐ भृगुसुताय विदमहे दिव्यदेहाय धीमहि | तन्नो: शुक्र: प्रचोदयात ||
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ॥ जप संख्या- 16,000
शनि गायत्री मंत्र
ॐ सूर्यपुत्राय विदमहे मृत्युरुपाय धीमहि | तन्नो: सौरि: प्रचोदयात ||
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः॥ जप संख्या- 23000
राहु गायत्री मंत्र
ॐ शिरोरुपाय विदमहे अमृतेशाय धीमहि | तन्नो: राहु: प्रचोदयात ||
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः॥ जप संख्या- 18,000
केतु गायत्री मंत्र
ॐ पदमपुत्राय विदमहे अमृतेशाय धीमहि | तन्नो: केतु: प्रचोदयात ||
ग्रह तांत्रिक-मंत्र
सूर्य ॐ घृणि: सूर्याय नम:।।
चंद्र ॐ सों सोमाय नम:।।
भौम ॐ अं अंङ्गारकाय नम:।।
बुध ॐ बुं बुधाय नम:।।
गुरु ॐ बृं बृहस्पतये नम:।।
शुक्र ॐ शुं शुक्राय नम:।।
शनि ॐ शं शनैश्चराय नम:।।
राहु ॐ रां राहवे नम:।।
केतु ॐ कें केतवे नम:।।
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इस विधि में ग्रह तांत्रिक-मंत्र , नवग्रह गायत्री मंत्र और बीज मंत्र वे देवी गायत्री , गणेश गायत्री , लक्ष्मी नारायण गायत्री, हनुमंत गायत्री , शिव गायत्री , मंगल गायत्री , सरस्वती गायत्री ,कृष्ण गायत्री , पूजा मंत्र द्वारा , मानसिक पूजा मंत्र , नमस्कार मंत्र , देवी - देवताओ के मंत्रो द्वारा सार्थक है !
नोट : - गायत्री मंत्र कोई भी कर कर सकता है ग्रह शान्ति के लिए परन्तु बीज मंत्र और तांत्रिक
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