दीपक के टोटके




संस्कृत की एक पंक्ति ‘सूर्याशं संभवो दीप:’ अर्थात, दीपक की उत्पत्ति सूर्य के अंश से हुई है। दीपक के प्रकाश को इतना पवित्र माना गया है कि मांगलिक कार्यों से लेकर भगवान की आरती तक इसका प्रयोग अनिवार्य है।
हमारे शास्त्रों में यूं भी नौ प्रकार की पूजा-अर्चना का विधान है, जिसके तहत दीप पूजा व दीपदान को श्रेष्ठ माना गया है।
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये दीपक के भिन्न-भिन्न प्रकार और उद्देश्य भी बताए गये हैं

दीपक के टोटके



शनिवार के दिन घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दीपक लगाये, जब दीपक बुझ जाए तो बचा हुआ तेल पिपल के पेड़ पर चढ़ा दे।


घर की सुख-समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए घर में तुलसी का पौधा होना जरुरी है। अगर आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है तो जरुर लगाये, और रोज शाम को तुलसी के पास दीपक जरुर जलाये।


जब भी घर के मंदिर में घी का दीपक लगाये उसमें थोड़ा सा कलावा अवश्य डाले, इससे घर में माँ लक्ष्मी का आगमन होता है।


कभी भी किसी जरूरतमंद को खाली हाथ ना लौटाए जितना बन सके उतना दान करे।


मंगलवार के दिन शाम को गोबर के कंडे जलाकर उसमें लोबान डालकर पूरे घर में घुमाएँ, इससे नकारत्मक चीज़े बाहर निकल जाएगी और घर में लक्ष्मी का प्रवेश होगा।

तिल के तेल का दीपक शनिदेव को प्रसन्न करके न्याय और स्वास्थ्य की प्राप्ति हेतु जलाया जाता है।

कम गहराई के दीपक लक्ष्मी प्राप्ति के लिये शुभ हैं दीपक का प्रकाश भले ही सूर्य जितना न हो, लेकिन मनुष्य को प्रेरणा देता है
रोजाना लक्ष्मी सूक्त का पाठ करे, इसके साथ ही माँ लक्ष्मी को सफ़ेद रंग की मिठाई का भोग अवश्य लगाये।


जब भी आपको पगार मिले इसमें से कुछ पैसे निकलकर पूजा घर में अवश्य रखे, इससे घर में धन बढ़ता है।

शत्रुओं से रक्षा के लिए तथा सूर्य संबंधी कष्टों से मुक्ति के लिये भी सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है।


कुंडली से जाने अपने लकी ब्रेसलेट
Contact us to get your Lucky Bracelet
अन्य पोस्ट देखने के लिए  HOME AND ASTRO LIST , MORE POST पर क्लिक करें

कुण्डली अध्ययन के लिए संपर्क करे

श्री संत ज्योतिष ज्ञान पीठ
पंडित प्रियेश मौद्गिल
Mobile No. +91 9996391452

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

NAAG GAYATRI MANTRA नाग गायत्री मंत्र ,सर्प सूक्त, राहु-केतु से परेशान हों तो क्या करें

वेदमंत्रों के उच्चारण-प्रकार

माता ज्वालामुखी के मंत्र