तांत्रिक क्रिया के लक्षण व बचाव




तांत्रिक क्रिया के लक्षण बचाव
तांत्रिक क्रिया का तोड़ जानने के पहले हम यह जान लें कि तंत्र मंत्र से प्रभावित लक्षण कैसे होते हैं। यह हैं
काले जादू से ग्रसित व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता चाहे उसे कितनी भी दवाइयां खिला दें। उसकी आवाज भी बदल सकती है। बैठे-बैठे बिना किसी कारण के वह अत्यधिक चिल्लाने लगता है कभी-कभी एकदम शांत हो जाता है। उसमें कभी-कभी अप्रत्याशित बल भी जाता है।
घर में अचानक से चमगादड़, उल्लू, बिल्ली, भंवरा या सांप घूमने लगे, घर में बिना बात के ही कलह होने लगे।
दुकान या व्यवसाय में अचानक से मंदी जाए।
घर में हर वक्त कोई ना कोई बीमार रहे या अचानक से किसी की मौत हो जाए।
घर या दुकान में कोई अवांछित वस्तु जैसे शमशान की राख, कोयला का टुकड़ा, सिंदूर लगाया हुआ नींबू, जमीन में गिरे हुए सरसों के दानें आदि का पाया जाना।
तान्त्रिक क्रियाओं का तोड़
) गूगल में केसर और जावित्री मिला कर रख लें। अब इसे प्रतिदिन गाय के कडें की सहायता से जला कर सुबह और शाम दोनो वक्त घर में धूप करें। इस क्रिया को २१ दिनों तक बिना नागा के करने से तान्त्रिक क्रिया से राहत मिलती है।
) लहसुन का रस बना लें। इसमें हींग को घोल दें। अब संबंधित व्यक्ति को इसे सुघां दें, ऊपरी हवाओ से मुक्ति मिलेगी।
) पास के हनुमान मंदिर में चार साबुत लवंग और एक नींबू लेकर जाए सुबह स्नान करने के बाद। अब मूर्ति के सामने आसन बिछाकर बैठ जाए और नींबू के चारों तरफ एक-एक लवंग गाड़़ दें भक्ति भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी से अपने कार्य की सफलता के लिए प्रार्थना करें। तत्पश्चात इस लवंग वाले निबूं को अपने जेब में डाल लें। आपके कार्य में आई हुई बाधा दूर हो जाएगी।
) एक नारियल लें। इसेओम् रामदूताय नमःमंत्र का जाप करते हुए किसी बहते हुए पानी या नदी में विसर्जित कर दें। इस क्रिया को आप सात शनिवार तक करें साथ ही साथ हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करें, तांत्रिक क्रिया अपने आप खत्म हो जाएगी।
) जड़ लें काले धतूरे की। इसको एक ताबीज में डालकर काले डोरे की सहायता से पीड़ित व्यक्ति के गले में धारण करा दें। यह कार्य किसी भी रविवार के दिन ही करें।
) प्रतिदिन घर में हनुमान चालीसा का पाठ करें। पाठ करने के पहले शुद्ध होकर एक आसन बिछाकर बैठ जाएं। हनुमान जी का धूप-दीप से पूजन कर प्रसाद अर्पण करें, फिर पाठ करें।
) गोमती चक्र लेकर आए चार की संख्या में। किसी बुधवार को जो शुक्ल पक्ष में पढ़ता हो, इसे पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से वार लें सात बार तथा किसी चौरास्ता में जाकर चारों दिशा में फेंक कर बिना इन्हें देखे घर वापस जाएं।
) गंधक, लोहवान, साबुत काली मिर्च, राई आदि सामान इकट्ठा करके हनुमान जी के ऊपर से सात बार वार लें। अब इसे पीड़ित व्यक्ति के जेब में रख दें कुछ दिन बाद निकाल कर गाय के सूखे हुए गोबर के साथ जला दें, बाधा कट जाएगी।
) शनिवार के दिन संबंधित व्यक्ति के ऊपर कच्चे दूध को सात बार वारे, तत्पश्चात इसे किसी काले कुत्ते को पिला दे।
१०) घर में नारायण कवच का पाठ करें और साथ ही साथ पीड़ित व्यक्ति को भी इस पाठ में शामिल करें।
११) घर के बगीचे में तुलसी आक के पौधे को स्थान दे।
१२) शनिवार के दिन पीपल के पाँच पत्ते पेड़ से तोड़ लें तथा डंडीदार आठ पान पत्ते भी लें। इन्हें लाल रंग के धागे में पीरो कर दुकान/गद्दी/ऑफिस की पूर्व दीवार में बांध दे। ऐसा करने से कोई भी तांत्रिक क्रिया हो, खत्म हो जाएगी।
१३) एक साबुन सुपारी प्रतिदिन गणेश जी को अर्पित करें, साथ ही साथ किसी जरूरतमंद को अन्न दान करें एक कटोरी भर कर।
लोक मत :


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