मंत्रों द्वारा उपचार
मंत्रों द्वारा उपचार*
*मंत्र_द्वारा_स्वास्थ्य_लाभ*
*घर से निकलते समय यह मंत्र दोहराने से अकाल मृत्यु कभी नहीं होगी।*
*"ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम्।*
*उर्वारुक्मिव बंधनात् , मृत्योर्मोक्षीय मामृतात।।"
*उर्वारुक्मिव बंधनात् , मृत्योर्मोक्षीय मामृतात।।"
*ॐ अर्यमायै नमः*
*भगवान अर्यमा का यह मंत्र श्रद्धा से जपनेवाला विकारी वातावरण व विकारी लोगों के बीच से भी बचकर निकल सकता है। रात्रि को सोने से पूर्व 21 बार इस मंत्र का जप करने से तथा तकिये पर अपनी मां का नाम उँगली से लिखने से बुरे सपनों से बच जाते हैं।
*भयनाशक तथा किसी भी प्रकार की खराब आदत से छुटकारा दिलाने हेतु मंत्र :-
ॐ ऐं ह्रीं हनुमते रामदूताय नमः*
*इसका 41 दिन तक 108 बार जप करना होता है।*
* बीज मंत्र*
* कं - मृत्यु के भय का नाश, त्वचारोग व रक्त विकृति में लाभदायक।*
* कं - मृत्यु के भय का नाश, त्वचारोग व रक्त विकृति में लाभदायक।*
* ह्रीं - मधुमेह, हृदय की धड़कन में लाभदायक।*
* घं - स्वपनदोष व प्रदररोग में लाभदायक।*
* भं - बुखार दूर करने के लिए लाभकारी।*
*ॐ हंसं हंसः*
*रोज सुबह-शाम श्रद्धापूर्वक इस मंत्र की 1-1 माला करने से शीघ्रता से स्वास्थ्य लाभ होता है।
*रोज सुबह-शाम श्रद्धापूर्वक इस मंत्र की 1-1 माला करने से शीघ्रता से स्वास्थ्य लाभ होता है।
*पेट में मन्दाग्नि हो, अजीर्ण आदि हों तो, 'रं' बीज मंत्र के उच्चारण से ये सभी विकार दूर होते हैं।
*यदि आपको कोई रोग है कोई पीड़ा सता रही है किसी अंग में तो हनुमानजी का ये रोगनाशक मन्त्र जपें
*"नासे रोग हरे सब पीरा।*
*जपत निरन्तर हनुमत बीरा" !!*
( पं. प्रियेश मौद्गिल ) कुण्डली अध्ययन के लिए संपर्क करे : - 9996391452
*जपत निरन्तर हनुमत बीरा" !!*
( पं. प्रियेश मौद्गिल ) कुण्डली अध्ययन के लिए संपर्क करे : - 9996391452
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