दुर्गा सप्तशती के सिद्ध चमत्कारी मंत्र
दुर्गा सप्तशती के सिद्ध
चमत्कारी मंत्र
इन मंत्रो का कम
से कम 11,21
अथवा 108 बार रोज
जाप करने से
उस व्यक्ति की मनोकामना
पूर्ण होती है।
1 आपत्त्ति
से निकलने के
लिए
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे
।
सर्वस्यार्तिहरे
देवि नारायणि नमो
स्तु ते ॥
2 भय का नाश
करने के लिए
सर्वस्वरुपे
सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते ।
भये भ्यस्त्राहि नो देवि
दुर्गे देवि नमो
स्तु ते ॥
3 जीवन के पापो
को नाश करने
के लिये
हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या
जगत् ।
सा घण्टा पातु नो
देवि पापेभ्यो नः
सुतानिव ॥
4 बीमारी महामारी से बचाव
के लिए
रोगानशेषानपहंसि
तुष्टा रुष्टा तु कामान्
सकलानभिष्टान् ।
त्वामाश्रितानां
न विपन्नराणां त्वामाश्रिता
ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥
5 पुत्र रत्न प्राप्त
करने के लिए
देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते
।
देहि मे तनयं
कृष्ण त्वामहं शरणं
गतः ॥
6 इच्छित फल प्राप्ति
एवं देव्या वरं लब्ध्वा
सुरथः क्षत्रियर्षभः
7 महामारी के नाश
के लिए
ॐ जयन्ती मड्गला काली
भद्रकाली कपालिनी ।दुर्गा क्षमा
शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमो
स्तु ते ॥
8 शक्ति और बल
प्राप्ति के लिये
सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते
सनातनि । गुणाश्रेय
गुणमये नारायणि नमो स्तु
ते ॥
9 इच्छित पति प्राप्ति
के लिये
ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि
। नन्दगोपसुते देवि
पतिं मे कुरु
ते नमः ॥
10 इच्छित पत्नी प्राप्ति के
लिये
पत्नीं मनोरमां देहि
मनोवृत्तानुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम्
॥॥!
11 हर मंगल
कार्य हेतु
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये
शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी
नमोस्तुते।।..
12 बाधा मुक्ति
एवं धन-पुत्रादि
प्राप्ति के लिए
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य
सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यंति
न संशय॥
13 आरोग्य एवं सौभाग्य
प्राप्ति
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि
में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं
देहि यशो देहि
द्विषो जहि॥
नवरात्रि में मां
दुर्गा सबके कष्टों
का हरण करती
है।
नवरात्रि मे रोली
या हल्दी से
घर के बाहर
द्वार के दोनों
ओर स्वस्तिक चिह्न
बनाना चाहिए। इससे
घर मे परिवारिक
कलह दूर व
साधक को सुख
और शांति मिलती
है।
माता की अखंड
ज्योति को पूजन
स्थल के आग्नेय
कोण में रखने
से घर की
सारी नेगेटिव एनर्जी
दूर होकर सुख-समृद्धि व गुप्त
शत्रुओं पर विजय
प्राप्त होती है।
मां भगवती को गंगाजल
से स्नान कराकर,
चरणामृत के रूप
में इस जल
को ग्रहण करने
से मन मे
से डर व
बिना वजह के
भय से मुक्ति
मिलती है।
( पं. प्रियेश मौद्गिल ) कुण्डली अध्ययन के लिए संपर्क करे : - 9996391452

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