संदेश

जुलाई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Jai Shri Hari ( मन शांति मन्त्र )

चित्र
मन शांति मन्त्र नमस्ते ! आज हम मन को शान्ति देने वाले मंत्र के बारे में जानेगे ! यह श्री हरि  विष्णु जी और माता लक्ष्मी  जी की  आराधना मन्त्र का एक अंश है यह प्राणियों में ब्रह्मांडीय ऊर्जा का संचार करने में सहायक है !मनुष्य कल्यण के लिए अति उत्तम मंत्रो में से एक है ! यह मन्त्र आपके जीवन को हर्ष उल्लास भर देगा और जीवन की समस्यों को दूर करने की शक्ति प्रदान करेगा ! यह मन को एकाग्र कर आपके जीवन को उन्न्ति के मार्ग की और ले जायेगा ! यह आपके मन में चलने वाले विचरों के तूफान को रोकने मे सहायक सिद्ध होगा , जो आने वाले अनावश्क क्रोध को काम कर देगा ! शरीर के रोगो कम कर परम आनंद की अनुभूति देने वाला है ! सुख ,वैभव मान -सामान, और धन की वृद्धि करने वाला है   ! यह मंत्र !  ! '' लक्ष्मी नारयण नारयण नारयण " !! इस मन्त्र का लगातर उच्चारण करने से श्री हरि  विष्णु जी और माता लक्ष्मी  जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है ! नोट : - जो लोगो के मन में  डर बना रहता हो क्या होगा कैसे होगा कब होगा  वो भी लाभ ले  और  जिनको...

गायत्री के मूल ( ज्ञान,कर्म और उपासना )

चित्र
ज्ञान,कर्म  और उपासना ( गायत्री के मूल ) ॐ भूर् भुवः स्वः  तत् सवितुर्वरेण्यं !  भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् !! ज्ञान और उपासना ये तीनो  ही गयात्री मन्त्र में विधमान है इसलिए महाऋषियों ने गायत्री मन्त्र को योगिक साधनो का मूलाधार बताया है कलयुग में गयत्री  मंत्रो के द्वारा भी सर्वश्रष्ठ सिद्धियां प्राप्त की जा सकती है ! गयत्री मंत्रो को  व्यास मुनि  ब्रह्मा के सामान मानते है  वह कहते है ब्रह्मा और गायत्री में कोई भिन्नता नहीं है ! देव मनु ने गायत्री को ब्रह्मा का मुख द्वार बताया  है प्रजापति  ने इससे  तीनो लोको का वैभव प्राप्त करने की घोषणा की है  ! गायत्री को ही वेद माता कहा गया है ! यह वरों को देने वाली और आयु ,सन्तान ,धन ,अन्न ,वैभव ,यश-मान,देने वाली है ! जहाँ गायत्री का जप होता है  वहां अबोध बालक नहीं मरते ऐंसा  भीष्म पिताहमाहा ने 'महाभारत ' के अनुशासन पर्व में कहा है और अंत में परम पिताः परमात्मा के दर्शन करवाने वाली है गायत्री ! दुनिया के दो सबसे अनमोल शब्द  शान्ति और...

HANUMAN JI (हनुमान जी से सम्बंधित उपाय शीघ्र फल देते है।)

चित्र
हनुमान जी से सम्बंधित उपाय शीघ्र फल देते है। 1. सरसों के तेल के दीपक में लौंग डालें और ये दीपक हनुमानजी के सामने जलाएं और आरती करें। इस उपाय से सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। 2. किसी मंदिर जाएं और वहां एक नारियल पर स्वस्तिक बनाएं। इसके बाद ये नारियल हनुमान जी को अर्पित करें। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे बुरा समय दूर होता हैं। 3.. हनुमान जयंती पर सूर्यास्त के बाद हनुमानजी के सामने चौमुखा दीपक जलाएं। चौमुखा दीपक यानी दीपक में चार बतियां रखकर चारों और जलाना है। इस उपाय से घर - परिवार की सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी। 4. यदि आप विधिवत पूजा नहीं कर पा रहे हैं तो हनुमानजी को लाल , पीले फूल जैसे कमल , गुलाब , गेंदा या सूर्यमुखी चढ़ा दें। इस उपाय से भी सभी सुख प्राप्त होते हैं। 5. हनुमान जयंती पर पारे से बनी हनुमान जी की प्रतिमा की पूजा करें। साथ ही , ॐ रामदूताय नमः मन्त्र का जप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जप के ल...

यज्ञ विशेष / यज्ञ के प्रकार और संपूर्ण जानकारी

चित्र
( यज्ञ विशेष ) यज्ञ के प्रकार और संपूर्ण जानकारी । यज्ञ दो प्रकार के होते है - श्रौत और स्मार्त। श्रुति पति पादित यज्ञो को श्रौत यज्ञ और स्मृति प्रतिपादित यज्ञो को स्मार्त यज्ञ कहते है। श्रौत यज्ञ में केवल श्रुति प्रतिपादित मंत्रो का प्रयोग होता है और स्मार्त यज्ञ में वैदिक पौराणिक और तांत्रिक मंन्त्रों का प्रयोग होता है। वेदों में अनेक प्रकार के यज्ञों का वर्णन मिलता है। किन्तु उनमें पांच यज्ञ ही प्रधान माने गये हैं - 1. अग्नि होत्रम , 2. दर्शपूर्ण मासौ , 3. चातुर्म स्यानि , 4. पशुयांग , 5. सोमयज्ञ , ये पाॅंच प्रकार के यज्ञ कहे गये है , यह श्रुति प्रतिपादित है। वेदों में श्रौत यज्ञों की अत्यन्त महिमा वर्णित है। श्रौत यज्ञों को श्रेष्ठतम कर्म कहा है कुल श्रौत यज्ञो को १९ प्रकार से विभक्त कर उनका संक्षिप्त परिचय दिया जा रहा है। 1 स्मार्त यज्ञः - विवाह के अनन्तर विधिपूर्वक अग्नि का स्थापन करके जिस अग्नि में प्रातः सायं नित्य हनादि कृत्य किय...