ग्रह शांति
ग्रह शांति के अचूक सूत्र ॐ नमः जय स्वाहा – दिन में कम से कम एक बार बोलने से सभी कार्य बनते है। प्रत्येक को अपने घर में कल्पवृक्ष,कामधेनु व चिंतामणि रत्ना का चित्र रखना चाहिए। व्रतियों, महाव्रतियों को आहार करना चाहिए। साकार परमात्मा की उपासना करना चाहिए। प्रतिदिन दान करना चाहिए। अतिथि सेवा। दिन में ब्रहमचर्य का पालन। अवस्त्र स्नान नहीं करना। माता – पिता का आदर करना। कुटुम्बी जनों से बैर न करना। अपनों से बड़ों का आशीर्वाद लेना। व्यसनों का त्याग करना। प्रसन्नचित होकर भोजन करना। सूर्य की ओर मल का त्याग न करना। ऋण चुकाया जाना चाहिए। झूठे बर्तन रात्रि में नहीं छोड़ना चाहिए। टूटे बर्तन, टूटा दर्पण घर में नहीं रखना चाहिए। पिता को दुखी करके धन नहीं लेना। सभी के सुखी जीवन की कामना करना। कृतघ्नी व्यक्ति की कभी दोस्ती न करना। जानवरों को भोजन देना। असहाय की सेवा करना। विकलांगों पर दया करना। अपने माकन में कहीं कच्ची जगह छोड़ देना चाहिए। नैऋत्य कोण में घर के दरवाजे वाले घर का त्याग कर देना चाहिए। घर में कोई छेद न हो। लोभ में आकर चोरी का पात्र ध...